बारिश का संगीत
-सुनीता बतरा
मौसमी दस्तक का तार
स्वागत है मानसून की प्रथम फुहार
टप-टप बूंदों का यह अजब गीत
झम-झम बारिश का अद्वितीय संगीत
स्वच्छ हरियाली व पत्तों पर रखी बूँदें इतना सुहातीं
जैसे हो प्रकृति हमारी मीत
मूसलाधार बारिश का अद्भुत शोर
जिसमें नहाया पर्यावरण का हर छोर
इंद्रधनुषी रंगों से आसमाँ सराबोर
मयूर भी नाचा, सायं हो या भोर।
अनुवादक
मंडल कार्यालय-311500
ग्रीन पार्क, नई दिल्ली
रविवार, 3 जुलाई 2011
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