कार्यालयीन कार्य हिंदी में करने हेतु
नकद प्रोत्साहन योजना 2005 का संक्षिप्त विवरण
- यह योजना कंपनी के सभी श्रेणी के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू है।
- इस योजना में प्रत्येक शाखा कार्यालय , मंडल कार्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय के निम्नलिखित विभाग स्वतंत्र इकाई के रूप में शामिल होंगे -
- कार्मिक विभाग – सभी श्रेणियों के कार्मिक विभाग व संबंधित अन्य विभाग जैसे आवास ऋण इत्यादि
- लेखा विभाग – लेखा, पेंशन, वेतन इत्यादि सभी संबंधित विभाग
- संपदा व स्थापना विभाग, मुद्रण व लेखन सामग्री एवं प्रेषण विभाग
- विधि विभाग – विधि से संबंधित सभी विभाग जैसे मोटर तृतीय पक्ष उपभोक्ता मंच इत्यादि।
- दावा केंद्र
- उप महाप्रबंधक सचिवालय, सूचना प्रौद्योगिकी एमआईएस, प्रचार, एजेंट भर्ती व संबंधित विभाग
- सभी तकनीकी विभाग जैसे मोटर ओडी, अग्नि, मरीन, इंजीनियरी व टीपीए इत्यादि
- ऑडिट, ऑडिट अनुपालन, प्रशिक्षण केंद्र, व सतर्कता विभाग
- हिंदी विभाग में कार्यरत कार्मिक जैसे अनुवादक, हिंदी टंकक इत्यादि इस योजना में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।
- यह योजना दो भागों में विभक्त होगी – (क) हिंदी में टंकित कार्य हेतु (ख) हिंदी में हस्तलिखित कार्य हेतु
- (क)टाइपिंग कार्य हेतु पात्रता – हर तिमाही में 300 नोट, मसौदे व पत्रादि में 1200 शब्द हिंदी में टाइप करने वाला कोई भी कार्मिक इस योजना में भाग लेने का पात्र होगा।
- वे कर्मचारी जिनकी मातृभाषा ग-क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा अर्थात तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम,त बांग्ला, असमिया, उड़िया, कश्मीरी इत्यादि है उन्हें 20% की छूट जी जाएगी, अर्थात उन्हें 240 मसौदे व पत्रादि मे 9600शब्द प्रति तिमाही में टाइप करने होंगे।
- इसी प्रकार जिनकी मातृभाषा ख-क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा अर्थात पंजावी, मराठी या गुजराती है, उन्हें 10% की छूट दी जाएगी, अर्थात कम से केम 270 मसौदों व पत्रादि में 10800 शब्द हिंदी में लिखने होंगे।
- कंप्यूटर पर पुनर्मुद्रित पत्रों को इस योजना के अंतर्गत सिर्फ एक बार गिना जाएगा।
- मुद्रित मानक फार्मों पर टाइप की गई प्रविष्टि मात्र को ही हिंदी में किया गया कार्य माना जाएगा।
(ख) हिंदी में हस्त लिखित कार्य हेतु पात्रता –
1. जो कार्मिक एक वित्तीय वर्ष के दौरान कम से कम 20000 शब्द हिंदी में लिखते हैं, वे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के पात्र होंगे।
2. जिनकी मातृभाषा ख-क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा अर्थात पंजावी, मराठी या गुजराती है, उन्हें 10% की छूट दी जाएगी अर्थात उन्हें एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 18000 शब्द हिंदी में लिखने होंगे।
3. जिनकी मातृभाषा क व ख क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों में बोली जाने वाली कोई भाषा है उन्हे 20% की छूट दी जाएगी अर्थात उन्हें कम से कम 16000 शब्द हिंदी में लिखने होंगे।
4.लेखा विभाग में कार्य करने वाले कार्मिकों को भी 20% की छूट दी जाएगी। अतः यदि लेखा विभाग में कार्यरत किसी कार्मिक की मातृभाषा क-क्षेत्र की कोई भाषा है तो उसे 16000 शब्द, यदि ख क्षेत्र की कोई भाषा है तो 14400 शब्द तथा यदि ग-क्षेत्र में बोली जाने वाली कोई भाषा है तो उसे इसकी पात्रता के लिए कम से कम 12800 शब्द हिंदी में लिखने होंगे।
5. संख्यात्मक प्रविष्टियों को शब्द के रूप में नहीं गिना जाएगा।
6. मानक रूप से मुद्रित या टंकित फार्मों पर हाथ से लिखी गई प्रविष्टि को ही हिंदी में किया गया कार्य माना जाएगा।
. प्रोत्साहन की दर
(क) हिंदी टाइपिंग – रु. 350.00 प्रति तिमाही जिसे साल के अंत में दिया जा सकता है।
(ख) हिंदी में हस्तलिखित कार्य –
प्रथम पुरस्कार - रु. 750.00 प्रति वित्तीय वर्ष
द्वितीय पुरस्कार - रु. 500.00 प्रति वित्तीय वर्ष
तृतीय पुरस्कार - रु. 350.00 प्रति वित्तीय वर्ष
- रिकॉर्ड का रख-रखाव – इस योजना में भाग लेने वाले कार्मिक को अपने हिंदी कार्य का रिकॉर्ड स्वयं रखना होगा एवं निरीक्षण के समय मूल्यांकन समिति को दिखाना होगा। रिकॉर्ड प्रस्तुति का प्रारूप इस विवरण के साथ संलग्न है।
- हिंदी में किए गए कार्य से संबंधित प्रविष्टि प्रत्येक वित्तीय वर्ष के समाप्त होने पर क्षेत्रीय कार्यालय के हिंदी विभाग को उपलब्ध करा दी जाए। यदि आवश्यक हुआ तो मूल्यांकन समिति के सदस्य किए गए कार्य का निरीक्षण कर सकते हैं।
(सुदर्शन भरीजा)
क्षेत्रीय प्रबंधक
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