मंगलवार, 19 मार्च 2013

20 मार्च विश्व गौरैया दिवस को समर्पित गीत

 कहाँ गई तू गौरैया
-भूपेंद्र कुमार

1   नन्ही चिडियों की मैया
     कहाँ गई तू गौरैया

जब मैं छोटा बच्चा था
अकल का कुछ-कुछ कच्चा था
तुझे रोटी देने आता था
साथ में मैं भी खाता था
            रह गईं अब यादें भैया
            कहाँ गई तू गौरैया---

2.    छोटे टुकड़े चुग लाती थी
फिर नन्हों को दे आती थी
उड़ना उनको सिखलाती थी
छोड़ के घर फिर उड़ जाती थी
सब की प्यारी सोन चिरैया
कहाँ गई तू गौरैया----------

3.    सुबह-सुबह चिर-चिर करती
साँझ को चीं-चीं फिर करती
चिर-पिर सुन आँखें मलते
चीं-चीं सुन पूजा करते
तेरी चिर-पिर ज्यों पुरवैया
कहाँ गई ----------------

4.    चुगती इधर-उधर का दाना
बोती फिर जंगल अनजाना
कीड़े फसल के चट कर जाती
पेस्टिसाइड से मुक्ति दिलाती
            यों पार लगाती तू नैया
            कहाँ गई तू गौरैया------

5.    खेतों के रसायन ज़हर बने
मोबाइल टावर कहर बने
पशु-पक्षियों के रखवालो
पर्यावरण बचाने वालॉ
            आबाद करो फिर अमरैया
            कहाँ गई तू गौरैया---------

6.    गायों की हत्या से व्यथित
आंन्दोलन होते हैं नित
तेरी भी संख्या घटती
तू भी दिन-प्रतिदिन मरती
            पर नहीं है तू कोई गैया
            कहाँ गई तू् गौरैया-------

7.    राज्य पक्षी तो हो गई घोषित
पर कैसे होगी परिपोषित
नहीं है इस पर कोई चिंतन
मन लेकिन करता है क्रंदन
            देख के सूनी ताल-तलैया
            कहाँ गई तू गौरैया-------

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